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पतं​जलि ग्रुप के इस शेयर में आया था 9434 फीसदी का भारी उछाल, अब आने लगी गिरावट (जानकारी ही जीवन है ) Knowledge is life

गिरने लगी साख / ट्रेड पर सवाल उठने के बाद रुचि सोया के शेयरों में रोजाना लग रहा लोअर सर्किट, 1507 रुपए से गिरकर 1176 रुपए पर आया शेयर 

 Patanjali Ayurvedas Ruchi Soya shares were seen in the lower circuit daily, the shares fell from Rs 1507 to Rs 1227.

·     29 जून को अपने उच्चतम स्तर 1535 रुपए पर पहुंचा था रुचि सोया का शेयर

·    मार्केट रेगुलेटर सेबी ने शेयरों में तेजी पर शेयर बाजारों से मांगी जानकारी

·    03, 2020, 01:34 PM IST

नई दिल्ली. योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के स्वामित्व वाली रुचि सोया के शेयरों में लगातार तेजी पर कुछ मार्केट एक्सपर्ट ने सवाल उठाया था। इन सवालों के बाद से रुचि सोया के शेयरों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। रुचि सोया के शेयरों में हर रोज लोअर सर्किट लग रहा है। 29 जून को कंपनी शेयर बीएसई में 1535 रुपए प्रति शेयर के उच्चतम स्तर से पहुंचे थे। हालांकि, इस दिन 1507.30 पर बंद हुए थे। इसके बाद से यह लगातार गिरकर 2 जुलाई को 1227.80 रुपए प्रति शेयर 3 जुलाई 1176 तक पहुंच गया है। सूत्रों के मुताबिक, मार्केट रेगुलेटर सेबी ने रुचि सोया के शेयरों में तेजी पर शेयर बाजारों से जानकारी मांगी है। 

4 दिन में 279.50 रुपए प्रति शेयर की गिरावट

29 जून से शेयरों में लगातार गिरावट के कारण रुचि सोया को काफी नुकसान हो रहा है। इन 4 दिनों में रुचि सोया के शेयर में 279.50 रुपए प्रति शेयर की गिरावट चुकी है। इसका असर कंपनी के मार्केट कैप पर भी पड़ा है। 29 जून को कंपनी का मार्केट कैप 44 हजार करोड़ रुपए के आसपास था, जो 2 जुलाई को गिरकर 36 हजार करोड़ रुपए के आसपास गया है। इस प्रकार रुचि सोया के मार्केट कैप में अब तक करीब 8 हजार करोड़ रुपए की कमी दर्ज की गई है।

क्यों बढ़े शेयर के दाम

रुचि सोया के शेयरों में इतना जबरदस्त उछाल कैसे आया, यह सबके लिए हैरान करने वाली बात है. कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन इतना मजबूत नहीं है कि उसे यह मुकाम हासिल हो. कंपनी दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही थी और पिछले साल पतंजलि आयुर्वेद ने इसे 4,350 करोड़ रुपये में खरीद लिया था.

कंपनी ने हाल में तिमाही नतीजा जारी किया जिसमें कहा गया कि उसे मार्च की चौथी तिमाही में 41.25 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, जबकि एक साल पहले उसे इस अवधि में 32.11 करोड़ रुपये का फायदा हुआ था. हालांकि पूरे वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी को 7,672 करोड़ रुपये का भारी मुनाफा हुआ है, क्योंकि उसे कर्ज और इक्विटी में कुछ रीस्ट्रक्चरिंग करने से 7,447 करोड़ रुपये की एकमुश्त रकम हासिल हुई है.


निवेशकों को मिला 90 गुना तक रिटर्न


कर्ज के चलते दिवालिया होने के कारण दिसंबर 2019 में बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने रुचि सोया को 4350 करोड़ रुपए में खरीदा था। इसके बाद रुचि सोया 27 जनवरी को 16.9 रुपए प्रति शेयर पर बाजारों में री-लिस्ट हुई थी। तब से अब तक रुचि सोया के शेयर 1535 के उच्चतम स्तर तक पहुंच गए हैं। यानी रुचि सोया ने अपने निवेशकों को इस अवधि में 90 गुना तक का रिटर्न दिया है।

5 फीसदी है लोअर/सर्किट

रुचि सोया का लोअर और अपर सर्किट 5 फीसदी पर फिक्स है। यानी अगर कंपनी के शेयर में 5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट या उछाल आएगा तो ट्रेडिंग बंद कर दी जाएगी। बीएसई में कारोबार कर रही सभी कंपनियों का लोअर और अपर सर्किट तय होता है। हालांकि, हर कंपनी का लोअर और अपर सर्किट अलग-अलग होता है। बीएसई और एनएसई का भी लोअर/अपर सर्किट होता है। बीएसई-एनएसई में सर्किट लगने पर पूरी ट्रेडिंग बंद कर दी जाती है।

शेयरों में अभी और गिरावट आएगी


मार्केट एक्सपर्ट अरुण केजरीवाल का कहना है कि निवेशकों को अब रुचि सोया की हकीकत पता चल चुकी है। इस कारण निवेशकों ने खरीदारी बंद कर दी है। यही कारण है कि रुचि सोया के शेयरों में लगातार गिरावट हो रही है। केजरीवाल के मुताबिक, अभी कंपनी के शेयरों में और गिरावट सकती है।

क्या कहा था मार्केट एक्सपर्ट्स ने?


बीते सप्ताह मार्केट एक्सपर्टस ने कहा था कि फ्री-फ्लोट शेयरों की कमी की वजह से रुचि सोया के शेयरों में तेजी रही है। इसका मूल सिद्धांतों से कोई लेना-देना नहीं है। एक्सपर्ट्स का कहना था कि कंपनी में रिटेल निवेशकों की भागीदारी 1 फीसदी से कम है। सेबी को इस पर नोट लेना चाहिए और इस शेयर को टी2टी सेगमेंट में शामिल करना चाहिए। एक्सपर्ट्स ने मांग कि थी कि सेबी को इस बात की जांच करनी चाहिए कि री-लिस्टिंग के 5 महीने बाद भी कंपनी में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 99 फीसदी से ज्यादा क्यों है

पतंजलि के पास रुचि सोया की 98.87% हिस्सेदारी 

पतंजलि के पास रुचि सोया की 98.87 फीसदी हिस्सेदारी है। निवेशकों की अन्य श्रेणियों के पास कंपनी के मात्र 33.4 लाख शेयर ही मौजूद हैं। लिहाजा इसके बहुत ही कम शेयरों की रोज खरीद फरोख्त हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि नियमों के चलते पतंजलि को अपनी और हिस्सेदारी छोड़नी होगी। जिससे शेयरों का फिर से बंटवारा होगा और कीमतें फिर से एडजस्ट हो सकती हैं। इसलिए पतंजलि के हिस्सेदारी कम करने तक निवेशकों को इंतजार करना चाहिए।

रुचि सोया में नहीं होगा पतंजलि आयुर्वेद का विलय

पतंजलि का कहना है कि वह पतंजलि आयुर्वेद का रुचि सोया में विलय नहीं करने जा रही है। शेयर बाजारों को दी जानकारी में पतंजलि ने कहा है कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पतंजलि आयुर्वेद का रुचि सोया में विलय किया जा सकता है। यह रिपोर्ट्स पूरी तरह से निराधार हैं।

रुचि सोया और आलोक इंडस्ट्रीज के शेयरों में बेतहाशा वृद्धि पर सेबी ने मांगी जानकारी 

मार्केट रेगुलेटर सेबी रुचि सोया और आलोक इंडस्ट्रीज के शेयरों में तेजी पर नजर बनाए हुए हैं। सेबी ने स्टॉक एक्सचेंज से इन दोनों कंपनियों के शेयरों में हाल के दिनों में आई तेजी पर जानकारी मांगी है। रुचि सोया के शेयरों में पिछले पांच महीने में 90 गुना और आलोक इंडस्ट्रीज के शेयरों में पिछले 6 महीने में 20 गुना तक की बढ़ोतरी हो चुकी है।

1 जनवरी 2.99 से अब तक 20 गुना बढ़े आलोक इंडस्ट्रीज के शेयर

रुचि सोया की तरह बीएसई में आलोक इंडस्ट्रीज के शेयरों में भी तेजी का माहौल जारी है। 1 जनवरी को आलोक इंडस्ट्रीज के शेयर 2.99 रुपए प्रति शेयर पर बंद हुए थे, जो 2 जुलाई को 58.50 रुपए प्रति शेयर पर पहुंच गए हैं। इस प्रकार बीते 6 महीनों में आलोक इंडस्ट्रीज के शेयरों में 20 गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।

 

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